Picture Courtesy: Apni Roti/Facebook
कोलकाता में रहने वाले विकास अग्रवाल गरीबों और तीर्थयात्रियों को मुफ्त में खाना खिलाते हैं और उनको यह प्रेरणा उनकी मां कृष्णा देवी अग्रवाल से मिली है। विकास कोलकाता में एक कंस्ट्रक्शन कंपनी के मालिक हैं।
वो पिछले 3 साल से शिवोहुम बालाजी सेवा नाम का एक एनजीओ भी चला रहे हैं। इसके अलावा उनका देवघर (झारखंड) में एक पूर्ण विकसित आश्रम है जहां वह साल भर मुफ्त भोजन, आवास, स्वास्थ्य सेवाएं जरूरतमंदों को देते हैं।
अब तक विकास की इस पहल से लगभग 5 लाख लोग लाभान्वित हुए हैं, जिनमें से अधिकांश बैद्यनाथ धाम मंदिर और गंगा सागर में पवित्र स्नान करने वाले तीर्थयात्री हैं। इसके अलावा ‘अपनी रोटी वैन’ के जरिए वह दूर-दराज में रहने वाले गरीब तबके के लोगों को मुफ्त में भोजन देते हैं।
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विकास बताते हैं, ‘मुझे वास्तव में खुशी तब मिलती है कि जब हम खुद को समाज के उस वर्ग के लिए भोजन देने में सक्षम पाते हैं, जिनको भोजन की जरूरत है और उनके पास भोजन के लिए पैसा नहीं है।’

विकास आगे कहते हैं कि अभी उनके पास एक ‘अपनी रोटी वैन’ है। भविष्य में पूरे देश में इसे शुरू करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि इसमें बहुत अधिक फंड की आवश्यकता होगी, जिसे वह जल्द ही हासिल कर लेंगे, साथ ही वो सरकार से बात करेंगे और भविष्य में सदस्यों और स्वयंसेवकों की नियुक्ति भी करेंगे।
उनका कहना है कि हमारे यहां अभी स्वयंसेवक की संख्या निश्चित नहीं है। जनवरी 2019 में ही ‘अपनी रोटी वैन’ शुरू की है। हम सोशल मीडिया के जरिए वैन किस निश्चित जगह पर जा रही है इस बारे में लोगों को बताते हैं। यह वैन कोलकाता के अलावा पश्चिम बंगाल के अन्य शहरों में भी जाती है। उनकी कोशिश रहती है कि हम सभी झुग्गियों, छोटे गांवों, रेलवे स्टेशन, मस्जिद और मंदिरों के बाहर रहने वाले गरीब लोगों को भोजन उपलब्ध करवा सकें।
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विकास बताते हैं, ‘अपनी रोटी वैन’ में मौजूद रोटी बनाने की मशीन की उत्पादन क्षमता 900 रोटियां प्रति घंटे बनाने की है। अब हम रोज 5 घंटे के लिए वैन चला रहे हैं। लगभग 4000 रोटियां हर रोज घी, घर के बने अचार और कभी-कभी मिठाई के साथ परोसी जाती हैं। वैन को मैनें ही बिजनेस की शुरूआती पूंजी से लगभग 20 लाख रुपए में तैयार करवाया है।’
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