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जिंदगी में जब आप किसी ऐसे व्यक्ति से मिलते हैं, जो आपके लिए विशेष महत्व रखते हैं तो आंखे नम हो जाती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ भारतीय-अमेरिकी शेफ विकास खन्ना के साथ।
1992 के मुंबई दंगों के दौरान एक मुस्लिम परिवार ने उन्हें न केवल बचाया बल्कि कुछ समय के लिए घर में रखा। जब माहौल ठीक हुआ तो विकास ने उनके घर से अलविदा कहा और फिर 26 साल बाद जब वो उस परिवार से मिले, तो विकास ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की।
विकास ने पिछले साल रिपब्लिक टीवी पर अनुपम खेर को दिए एक इंटरव्यू में बताया था कि, वह हर साल रमजान के पवित्र महीने में एक दिन का रोजा रखते हैं। यह रोजा उस मुस्लिम परिवार के सम्मान में वो रखते हैं जिन्होंने 1992 में मुंबई दंगे के दौरान उनकी जान बचाई थी। वह रोजा उस मुस्लिम परिवार के स्वास्थ्य और सलामती के लिए रखते हैं।
This is one of the happiest day of my life. @AnupamPKher ji had interviewed me last year for @republic & I shared the story of Muslim family that saved my life during riots.
WE FOUND THEM & today I shall break the fast with them
vikas khanna Anupam Kher https://t.co/wldNhL5it2— Vikas Khanna (@TheVikasKhanna) June 11, 2018
जब एक मुस्लिम परिवार ने बचाई थी जान
1992 में विकास खन्ना मुंबई की एक होटल शेरेटन सागर रॉक में एक ट्रेनी के रूप में काम कर रहे थे जब दंगों की खबर उनके पास पहुंची तो वह होटल में ही मौजूद थे। लेकिन उनका भाई घाटकोपर में रहता था। हालत खराब हो रहे थे। विकास अपने भाई के पास घाटकोपर की ओर निकल गए लेकिन रास्ते में दंगों के कारण हालात बेहद खराब होते जा रहे थे। वह घाटकोपर नहीं पहुंच पाए।
तभी उन्हें इकबाल खान और वसीम खान की परिवार ने रोका और कहा दंगों में तुम्हारी जान भी जा सकती है आप हमारे यहां कुछ देर ठहर जाएं। इस तरह उन्हें मुस्लिम परिवार ने आश्रय दिया। हालाकिं भीड़ उनके घर पहुंची तब वसीम के पिता ने विकास की तरफ इशारा करते हुए कहा यह हमारी बेटा है। इसके बाद आंखों में खून और दिमाग में नफरत लिए वो लोग घर से चले गए।
इसके बाद परिवार ने अपनी सुरक्षा को ताक पर रखकर घाटकोपर में विकास के भाई का पता लगाया और उन्हें बताया गया कि उसका भाई ठीक है। अगले डेढ़ दिन तक विकास का घर वही था।
विकास बताते हैं, ‘मुझे नहीं पता कि वे कौन थे या उस समय के दौरान मैं कहां था, लेकिन, उस साल से, मैं रमजान के पवित्र महीने के दौरान उन्हें धन्यवाद देता हूं और उन्हें अपनी प्रार्थनाओं में रखता हूं और उनके सम्मान में एक दिन का रोजा रखता हूं।’
My fav picture from “behind the scenes”
Feeding apple pies and dialogues at the same time. 🙈❤#TheLastColor pic.twitter.com/e8jxODf6eb— Vikas Khanna (@TheVikasKhanna) May 15, 2018
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