सिक्किम में भारत-चीन सीमा के पास नाथुला दर्रे में भारी बर्फबारी के कारण फंसे 25,00 से अधिक पर्यटकों को भारतीय सेना ने 28 दिसंबर को बचाया। फंसे हुए पर्यटकों को ठहराने के लिए जवानों द्वारा बैरक खाली कर दी गई है। एनडीटीवी से हुई बातचीत में रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, महिलाओं और बच्चों सहित पर्यटकों को आश्रय, भोजन के साथ-साथ गर्म कपड़े मुहैया कराए गए हैं।
पर्यटक जब वत्सोमगो (चांगु) और नाथुला दर्रा वापस आ रहे थे, तो वह भारी वर्फबारी में फंस गए थे। इंडिया टुडे को पूर्वी सिक्किम के जिला मजिस्ट्रेट कपिल मीणा ने बताया, ‘जवाहर लाल नेहरू रोड पर विभिन्न बिंदुओं पर 300 से 400 से अधिक पर्यटक फंस गए थे। ये बेहद गंभीर घटना हो सकती थी, लेकिन भारतीय सेना ने एक बड़ी त्रासदी को नियंत्रण में कर लिया।’
अधिकारी ने आगे कहा कि जबकि कुछ फंसे हुए पर्यटकों को 13 मील दूर में समायोजित किया गया है, बाकी 1,500 को 17 मील में स्थानांतरित कर दिया गया है। सड़क संपर्क और बर्फ को साफ कर बहाल करने के लिए, भारतीय सेना द्वारा सीमा सड़क संगठन के दर्जनों मशीन और दर्जनों प्रदान किए गए हैं।

भारतीय सेना ने भारी बर्फबारी के कारण नाथुला, सिक्किम के आसपास 400 से अधिक वाहनों में फंसे 2500 से अधिक नागरिकों को बचाया। सभी को रात में भोजन, आश्रय और चिकित्सा प्रदान की गई। इस बारे में #AlwaysWithYou के हैशटेग के साथ भारतीय सेना ने ट्वीट किया।

हालांकि सेना को अब भारी बर्फ से ढंकने के साथ-साथ ठंड के तापमान के कारण सड़कों पर पर्यटकों को स्थानांतरित करने में मुश्किल हो रही है, लेकिन यह सुनिश्चित किया गया है कि निकासी अभियान तब तक नहीं रुकेगा जब तक कि प्रत्येक पर्यटक सुरक्षित रूप से गंगटोक की ओर नहीं निकल जाते।

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