हमारे आस-पास बहुत कुछ ऐसी घटनाएं घटती हैं, जो यकीन दिलाने के लिए काफी है कि बदलते वक्त में ईमानदारी अभी कुछ लोगों के जरिए ही सही, लेकिन वो जिंदा है।
ऐसी ही एक रोचक घटना हुई महाराष्ट्र के पुणे में हुई। जहां एक ऑटो चालक अविनाश भोकरे जब 14 दिसंबर, 2018 को अपने घर से काम के लिए रवाना हुए तो उन्हें कुछ दूरी पर हाथ के इशारे से एक अनजान व्यक्ति ने रोका। ऑटो चालक ने उसे ऑटो में बैठाकर उसके बताए गए पते पर छोड़ दिया।
वो व्यक्ति ऑटो चालक को पैसा देकर चला गया, लेकिन वो अपना बैग ऑटो में ही छोड़ गया। जब ऑटो चालक अविनाश ने बैग को खोला तो उसमें करीब 4 लाख रुपए, एक डायरी, लेपटॉप और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज थे, जिसे लेकर वह पुलिस स्टेशन पहुंचा।
पुलिस ने जब सामान की तलाशी की तो उसमें मिलिंद पटेल नाम के व्यक्ति का मोबाइल नम्बर मिला। उस नम्बर पर जब पुलिस ने बात की तो पता चला कि यह बैग मिलिंद के दोस्त ‘युवराज माने’ का है। पुलिस ने युवराज से संपर्क किया और उसे बैग सौंप दिया। युवराज बैग पाकर बेहद खुश था और उसने ईमादार ऑटो चालक अविनाश भोकर को शुक्रिया कहा…!
यह पहली और अनोखी घटना नहीं है इससे पहले भी ईमानदारी की मिसाल देते हुए कई लोगों ने रुपया और कई तरह से लोगों की मदद की है।
‘पुणे में ही इसी साल जुलाई-अगस्त माह में एक ऐसी और घटना प्रकाश में आई थी, जहां मारुति नाम के ऑटो चालक ने उनके ऑटो में एक सवारी का बैग छूट जाने पर उसे पुलिस स्टेशन जमा करवाया था। वो बैग पुणे के कोंधवा इलाके के निवासी 72 वर्षीय प्रकाश करमचंदानी मार्केटयार्ड का था, जो अपने घर जाने के लिए ऑटो में बैठे थे। प्रकाश को उनके घर छोड़ने के बाद मारुति ऑटो में सीएनजी गैस भरवाने के लिए गए। जहां मारुति ने ऑटो में एक बैग देखा जिसमें करीब 5 लाख नकद थे। बैग देखकर वह तुरंत प्रकाश करमचंदानी के घर पहुंचे और पैसे लौटा दिए।’
तब तक प्रकाश भी कोंधवा पुलिस स्टेशन में पैसे गायब होने की रिपोर्ट दर्ज करा चुके थे। पैसे वापस लौटाने के बाद पुलिस ने मारुति को समन भेजकर थाने बुलाया और ईमानदारी के लिए मारुति को पुलिस इंस्पेक्टर मिलिंद गायकवाड़ ने सम्मानित किया।
नोट: ऑटो ड्राइवर का चित्र प्रतीकात्मक तौर पर लिया गया है।
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