बीते दिनों महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग दुनिया को अलविदा कह गए। उनका मानना था कि चाहे जिंदगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं। उन्होंने महज 32 साल की उम्र में ब्रह्मांड के राज दुनिया के सामने खोलकर रख दिए थे। और बिग बैंग और ब्लैक होल का कॉन्सेप्ट दुनिया को बताया, जिससे ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझने में मदद मिली।
स्टीफन तार्किक दिमाग वाले व्यक्ति थे और उन्होंने सृष्टि की रचना में कभी भगवान की मौजूदगी को नहीं माना। उनका मानना था कि जीवन का कोई सच नहीं है और न ही पुर्नजन्म कोई तथ्य है। मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित थे। वह बोल-सुन नहीं पाते थे और मशीनों की मदद से उन्होंने इतने साल तक विज्ञान को लेकर रिसर्च की। स्टीफन हॉकिंग का 14 मार्च को 76 साल की उम्र में निधन हो गया।
स्टीफन हॉकिंग ने ऐसे कई प्रेरक विचारों को जन्म दिया जो आने वाली पीढ़ी के लिए उम्मीद जगाने का काम करेंगे। वह कहते थे कि ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाए हुए है। उत्सुक रहो।
उनके शब्दों में कहें तो विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जुनून का भी। मैं मानता हूं कि ब्रह्माण्ड विज्ञान के नियमों द्वारा संचालित होता है। हो सकता है ये नियम भगवान द्वारा बनाए गए हों, लेकिन भगवान इन नियमों को तोड़ने के लिए हस्तक्षेप नहीं करता। उन्होंने कहा था कि अगर कमियां नहीं होंगी तो आपका और मेरा इस दुनिया में अस्तित्व ही नहीं होगा।
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