चित्र: जयपुर रेलवे स्टेशन की पहली महिला कुली मंजू देवी।
मंजू देवी, राजस्थान के जयपुर रेलवे स्टेशन पर बतौर कुली का काम करने वाली पहली महिला हैं। मंजू उन 112 महिलाओं में से एक थीं, जिन्हें महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा इस साल सम्मानित किया गया था।
इनमें पूर्व ब्यूटी क्वीन्स रहीं ऐश्वर्या राय, निकोल फारिया, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, अंशू जमसेंपा, मिसाइल वुमन टेसी थॉमस और प्राइवेट डिटेक्टिव रजनी पंडित शामिल हैं।
विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी 90 महिलाओं के साथ मंजू देवी भी 20 जनवरी 2018 को राष्ट्रपति भवन पहुंची थीं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि वह मंजू देवी के जीवन की कहानी सुनकर भावुक हो गए थे।
परिवार में अकेली कमाने वाली
जयपुर रेलवे स्टेशन पर वह अपने तीन बच्चों के एक परिवार में अकेली कमाने वाली हैं। उत्तर-पश्चिम रेलवे में अन्य कुलियों की तरह वह भी ट्रेनों का इंतजार करती हैं। मंजू देवी के पति की मौत 10 साल पहले हो गई थी। पारिवारिक झगड़ों और मानसिक तनाव के बीच उनकी मां मोहिनी ने उनका हौसला बढ़ाया, जिसके बाद मंजू ने अपने मृत पति महादेव का कुली लाइसेंस नंबर. 15 हासिल किया और जयपुर रेलवे स्टेशन में यात्रियों का सामान ढोना शुरू कर दिया।
मीडिया में दिए अपने इंटरव्यू में मंजू देवी बताती हैं, ‘मेरा खुद का वजन 30 किलोग्राम है और मैंने यात्रियों का 30 किलो का लगेज भी उठाया है लेकिन बच्चों को खिलाने के बोझ के आगे यह कुछ भी नहीं है।’
यूनिफॉर्म तैयार करने की थी चुनौती
अधिकारियों ने मंजू देवी को बताया कि जयपुर रेलवे स्टेशन में कोई महिला कुली नहीं है, जिसकी वजह से शायद उन्हें काफी मुश्किलों का सामना भी करना पड़ेगा। इसके बावजूद देवी ने अपनी जिद नहीं छोड़ी और उन्हें बिल्ला नंबर (बैज नंबर) दे दिया गया। धीरे-धीरे उन्हें नौकरी की हकीकत समझ आने लगी। देवी के सामने उस वक्त खुद की वर्दी (यूनिफॉर्म) तैयार करने की भी चुनौती थी।
(आप हमें फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो भी कर सकते हैं।)
Be First to Comment