आपके जो भी अनुभव हों, उनका आनंद लीजिए और जाने दीजिए उन्हें एकत्र मत कीजिए। यदि आप इन्हें बटौरते हैं तो एक समय बाद यह आपका वहम बन जाएंगे और आपको मतिभ्रम होने लगेगा। इसको देजा-वू कहते हैं।
देजा-वू फ्रेंच भाषा का एक शब्द है, जिसका मतलब होता है ‘पहले देखा हुआ’। इसमें सपने का सच हो जाना। पूर्व जन्म की यादें। यादों का हकीकत से मेल होना और यह सब अचेतन मन के कारण होता है।
अगर आप बहुत ज्यादा देजा-वू के चक्कर में पड़ेंगे तो आपको जीवन की समस्या और उसके समाधान में कोई अंतर ही नहीं लगेगा। दोनों आपको एक ही लगने लगेंगे। यह कहना आज-कल एक फैशन बन गया है कि ‘ओह, मैं पहले भी यहां आया था।’
तो फिर यह सवाल क्यों है कि मैं पहले भी यहां था या नहीं? इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। आप अभी यहां हैं, बस यही अहम है। क्या मैं यहां दूसरी बार हूं, तीसरी बार हूं? इन सवालों का कोई मतलब नहीं है।
सवाल है कि क्या ऐसा होता है? जी हां, ऐसा होने की काफी संभावना है। खासकर अगर आपकी याददाश्त खराब है, तो आपके साथ ढेर सारी ‘देजा-वू’ घटनाएं घट सकती हैं। मान लीजिए आप किसी ऐसे इंसान से मिलते हैं, जिसे आपने एक दिन पहले ही देखा था, लेकिन आपको कल की घटना याद नहीं है। आज उससे मिलने पर शायद आप कहें, ‘ओह, लगता है कि मैंने आपको अपने पिछले जन्म में कहीं देखा है।’
सद्गुरु कहते हैं जीवन ने आपको एक ऐसी सुरक्षा दी है, कि आपको कुछ चीजें याद नहीं रहतीं। इसे ऐसा ही रहने दीजिए। सिर्फ यही जीवन आपको काफी उलझाए हुए है, इसलिए इन सारी चीजों का पीछा मत कीजिए। मान लीजिए आपको अपने पिछले दस जन्मों की बातें याद भी हों, तो आप उनका क्या करेंगे? क्या आप पागल नहीं हो जाएंगे? तो उसकी कामना मत कीजिए।
देजा-वू में लोग क्यों रोते हैं?
लोग अकसर तब रोते हैं जब वे या तो कुछ बहुत बुरा देख लेते हैं, या फिर जब कुछ बहुत अच्छा देख लेते हैं। मुझे नहीं पता कि आपका अनुभव क्या था? अगर आप इन चीजों को लेकर ज्यादा चिंता करेंगे, तो आप अपने दिमाग के उस हिस्से पर काबू नहीं रख पाएंगे जिसका काम होता है हरदम कल्पना करना।
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तब यह अपने आसपास जो कुछ भी देखेगा, उसे लेकर तरह-तरह की कल्पना करना शुरू कर देगा। तब उसे हर चीज में ‘देजा-वू’ दिखाई देगा। खुद के साथ ऐसा मत कीजिए। आपको चाहे जो अनुभव हों, वे चाहे जैसे भी हों, आप बस उनका आनन्द लीजिए, फिर उन्हें जाने दीजिए, उन्हें जमा मत करते जाइए। अगर आप इन्हें बटोरने लगे, तो एक समय के बाद आप वहम के शिकार हो जाएंगे, आपको मतिभ्रम होने लगेगा।
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