महान वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन ने कहा था, ‘प्रतिभाशाली व्यक्ति एक प्रतिशत प्रेरणा और 99 प्रतिशत पसीने से बनता है।’ और यह सब उसके भीतर मन में छिपी उम्मीद करवाती है। यह उम्मीद उसे कब मिलती है, यह उस व्यक्ति से बेहतर कोई नहीं बता सकता है।
अमूमन हम सभी उम्मीद पर ही जिंदा है और उम्मीद टूटने पर निराश हो जाते हैं, लेकिन कुछ समय के लिए… हम फिर खड़े होते हैं और चल देते हैं अपनी मंजिल की ओर, और यह सब कुछ हमारी उम्मीद ही करवाती है। जो कुछ समय के लिए भले ही बिखर जाए, लेकिन फिर आपके साथ होती है।
ऐसे कई लोग हैं जो उम्मीद के रास्ते पर चलकर महान नेता या महान व्यक्ति बने। जब आप उम्मीद के रास्ते पर चलते हैं तो प्रकृति भी आपके पक्ष में हो जाती है, और आपके साथ वो सब कुछ घटित होने लगता है, जो आप चाहते हैं। बस! ध्यान देने वाली बात यह है कि उम्मीद को बनाए रखिए।
प्रकृति ने उम्मीद बनाए रखने के लिए आपके सामने कई उदाहरण पेश किए हैं पहला उदाहरण है उन चीटियों का जो फर्श पर बिखरी चीनी के एक-एक टुकड़े को ले जाती है और अपने बिल में उसे सुरक्षित रखती हैं ताकि बारिश के समय भी उनके खाने का इंतजाम बना रहे। यह तो महज उदाहरण है ऐसे कई उदाहरण है जो हमारे आस-पास मौजूद हैं। उम्मीद, प्रकृति के इन्हीं छोटे-बड़े घटनाक्रम को देखकर आती है जो एक आम इंसान को खास बना देती है।
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