आत्महत्या अपराध है यानी जब कोई व्यक्ति परेशानियों में आकर खुद को खत्म कर लेता है तो भले ही उसकी परेशानी तो खत्म जाए, लेकिन उसके बाद क्या होता है। इस बात का ध्यान आत्महत्या करने से पहले करे तो दुनिया में आत्महत्या करने वालों की संख्या कम हो सकती है।
जिंदगी में एक बात हमेशा ध्यान रखें कि हर समस्या का हल है। जब भी कोई समस्या आए तो लोगों से बात कीजिए बात करने से हो सकता है उस समस्या के पहलू सामने आएं, लेकिन यह 100 प्रतिशत संभव है कि बात करने से बड़ी से बड़ी समस्या को दूर किया जा सकता है।
इसका सबसे सटीक उदाहरण डॉ. भीमराव अंबेडकर की जिंदगी से लिया जा सकता है। एक विशेष समुदाय में जन्म लेने के कारण उन्होंने कई कष्ट सहे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और न कभी कोई ऐसा निर्णय लिया कि उनके परिवार को उन पर गर्व होने की वजह दुःख हो।
यदि हम वैदिक ग्रंथों का अध्ययन करें तो ऐसे कई उदाहरण मिलेंगे जहां लोगों के सामने परेशानियां आईं तो उन्होंने आत्महत्या का रास्ता नहीं बल्कि बातचीत के जरिए इस गंभीर मानसिक समस्या को सुलझाया।
यदि इस तरह के मनोभाव आपके मन में आते हैं तो सबसे पहले अपनी जिंदगी के उन लम्हों के बारे में विचार कीजिए जो आपको खुशी देते हैं, आपको उम्मीद देते हैं। आपके पेरेंन्ट्स, भाई, बहन या फिर आपका कोई हमसफर जब आप इन बातों की ओर अपने मन को केंद्रित करते हैं तो आपका मन एक उम्मीद जगाता है।
यह उम्मीद जीने की होती है और उस गंभीर समस्या से निकलने का रास्ता भी सुझाता है। इसे आध्यात्मिक चिंतन भी कहते हैं। जो सदियों से प्रकृति में मौजूद है। क्योंकि जिंदा है तो हल है मर गए विफल हैं यह बात इसी ओर इंगित करती है।
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