योग आदिकाल से है। शुरूआत भगवान शिव ने की और इसे निरंतर आगे बढ़ाने का काम इंसान कर रहे हैं। योग अनंतकाल से इंसान के स्वास्थ्य उपचार का एक अमिट जरिया रहा है। बहुत सी बातें बदलते फैशन के साथ आती हैं और जाती हैं लेकिन योग हज़ारों वर्षों से वैसा ही रहा है और आज भी गति पकड़ रहा है।
योग इतना लोकप्रिय क्यों हो रहा है? इस सवाल के कई उत्तर हो सकते हैं, लेकिन एक उत्तर यह भी है कि योग ही एक ऐसी व्यवस्था है जो 15000 से भी ज्यादा वर्षों से, बिना किसी धर्मगुरु के आश्रय या बिना किसी के द्वारा बलपूर्वक लागू किए बिना जीवित है, टिकी हुई है। मानवता के इतिहास में ऐसा कहीं भी, कभी भी नहीं हुआ है कि किसी ने किसी के गले पर तलवार रख कर कहा हो, ‘तुमको योग करना ही पड़ेगा’। ये इसलिए टिका हुआ है और जीवित है क्योंकि योग खुशहाली लाने की प्रक्रिया की तरह काम करता है, और कुछ भी नहीं।

दूसरी बात ये है कि सारी दुनिया में सामान्य रूप से लोग छोटे, बड़े, जवान, बूढ़े सभी इतने ज्यादा तनावग्रस्त हैं, जैसे पहले कभी नहीं थे। लोग चिंतातुर हैं और दिमागी रूप से परेशान भी। अपनी आंतरिक शांति को संभालने के लिए वे चाहे जो अन्य उपाय करें। डिस्को में जाएं या लंबी ड्राइव पर या फिर पहाड़ों पर चढ़ें, उनसे बस थोड़ा बहुत ही लाभ हुआ है पर समस्या का निदान नहीं मिला है। तो योग की ओर मुड़ना लोगों के लिए स्वाभाविक ही है।
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इसकी लोकप्रियता का एक और कारण ये भी है कि अब शिक्षा का स्तर भी बड़ा हो गया है। पहले के किसी भी समय के मुकाबले आज धरती पर ज्यादा बुद्धिमत्ता है। तो स्वाभाविक रूप से जैसे जैसे बुद्धिमत्ता ज्यादा मजबूत होती जा रही है, लोगों को हर चीज़ के लिए तार्किक समाधान चाहिए। जितने ज्यादा वे तार्किक होते जाते हैं, उतने ही ज्यादा विज्ञान पर निर्भर होते जाते हैं और विज्ञान का परिणाम है तकनीक। जैसे-जैसे बुद्धिमत्ता की गतिविधि दुनिया में ज्यादा मजबूत हो रही है, और अधिक लोग अगले कुछ समय में योग की ओर बढ़ेंगे और खुशहाली पाने का ये सबसे ज्यादा लोकप्रिय तरीका बन जाएगा।

पश्चिम में जब से योग पहुंचा है तब से योग लोकप्रिय होता जा रहा है। वैज्ञानिक अब आगे आ रहे हैं, अध्ययन कर रहे हैं और कह रहे हैं, ‘योग से फायदे हैं’। हालांकि योग बहुत सी जगह पर गलत तरीकों से सिखाया जाता है, फिर भी सारे संसार में इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदों को कोई नकार नहीं सकता। यदि योग को गलत ढंग से सिखाने और करने का क्रम यूं ही चलता रहा, तो 10 से 15 वर्षों के समय में वैज्ञानिक अध्ययन स्पष्ट रूप से आप को बतायेंगे कि कितने ही तरीकों से ये मनुष्यों के लिये नुकसानदेह है, और ये योग का पतन होगा!

यह आवश्यक है कि योग का अभ्यास सूक्ष्म, सरल, नर्म, और बिना बल प्रयोग के किया जाए, जबरदस्ती मांसपेशियां बनाने, बढ़ाने के लिए तो बिल्कुल नहीं, क्योंकि ये व्यायाम नहीं है। भौतिक शरीर के पास एक पूर्ण यादों, स्मृतियों की संरचना है। अगर आप इस भौतिक शरीर को पढ़ने, समझने के लिए तैयार हैं तो सब कुछ कैसे इस ब्रह्मांड का शून्य से अब तक विकास हुआ। ये सब इस शरीर में लिखा हुआ है। योग एक तरीका है जिससे इस याददाश्त को, इन स्मृतियों को खोला जाए और इस जीवन की, अंतिम संभावना की ओर बढ़ने के लिए, पुनर्रचना की जाए। ये एक बहुत सूक्ष्म और वैज्ञानिक प्रक्रिया है।
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