प्रेम दुनिया का सबसे सुंदर भाव है, प्रेम चाहे प्रकृति से हो या किसी इंसान से प्रेम में वो सच छिपा होता है, जो लोगों को आत्मा से जोड़ता है। प्रेम देने का नाम है, वेद हमें पृथ्वी और प्रकृति से प्रेम करने की बात सिखाते हैं।
भगवान भी अपने भक्तों से प्रेम करते हैं लेकिन यहां प्रेम का स्वरूप होता है स्नेह यही कारण था कि भगवान श्रीकृष्ण अपने प्रिय भक्त अर्जुन का रथ हांकने तक को तैयार हो गए। अर्जुन से स्नेह होने के कारण ही भगवान के मुख से गीता शास्त्र की अमृत धारा भगवान के मुख से बह निकली।
भगवान गौतम बुद्ध कहते हैं लोग प्यार करते हैं इच्छाएं पूरी करने के लिए, लेकिन यह तो दुखों का घर है। किसी से जुड़ाव दुख देता है। वह कहते हैं कि निर्वाण हासिल करने के लिए तो इच्छाओं के इस समुद्र से निकलना ही होगा। शांति प्राप्त करने के लिए इन सबसे ऊपर उठ जाना होगा।
प्रेम के बारे में क्या कहते हैं आधुनिक सिद्धांत
- बीसवीं सदी के महान लेखक बर्ट्रेंड रसेल कहते हैं कि इंसान का जन्म हुआ था बच्चे पैदा करने के लिए। लेकिन बिना प्यार के सेक्स संतोष नहीं देता, लेकिन दुनिया से अकेले लड़ना, अकेले ही जिंदा रहने का संघर्ष करना डराता है। प्यार उस डर से बचाता है। उस डर से बचने के लिए ही लोग प्यार करते हैं।
- मशहूर अस्तित्ववादी लेखिका सिमोन द बोभोआ कुछ अलग ही कहती हैं। उनके मुताबिक प्यार लोगों को एक दूसरे से मिलने और बात करने का मौका देता है। इससे जीवन अर्थपूर्ण हो जाता है। लेखक सार्त्र के प्यार में पागल रहीं सिमोन कहती हैं कि प्यार का मतलब है एक दूसरे का साथ देना, सहयोग करना और वह हासिल करना, जो अकेले हासिल नहीं किया जा सकता।
- 18वीं सदी के दार्शनिक आर्थर शोपेनहावर के मुताबिक इच्छाएं ही इंसान को सोचने की ताकत देती हैं, लेकिन यह सब कुदरत की चालाकी है। इच्छाओं से प्यार होता है। दो इंसान मिलते हैं और बच्चे पैदा करते हैं। फिर वह प्यार ममत्व बनकर बच्चों पर बरसने लगता है। बच्चे पैदा करवाने के लिए कुदरत यह चालाकी करती है।
- प्लेटो ने अपनी किताब ‘सिम्पोजियम’ में कहा कि कभी इंसान की एक टांग होती थी और चार बाहों वाले शरीर पर दो सिर होते थे। फिर उसने ईश्वर को नाराज कर दिया। आसमान में बिजली कड़की। इंसान के दो टुकड़े हो गए। इस तरह आदमी अपने पार्टनर से अलग हो गया। इसलिए उसे पूर्णता के लिए किसी और की जरूरत पड़ती है और प्यार हो जाता है।
- सोशल मीडिया नीति / ख़ुराफ़ात पर कसा शिकंजा, यूजर्स की गरिमा का सम्मान
- नेपाल / राष्ट्रवादी छवि चमकाने के पैंतरे से, ‘मुसीबत में पीएम ओली’
- फ्रांस / वो कानून, जो बन गया है ‘इस्लामी जगत में हलचल’ का कारण
- भारत / रूस को मना लिया लेकिन हाशिए पर अफगान-मामला
- समाधान / अरेंज या लव, कौन-सा विवाह है सबसे बेहतर
- ई. श्रीधरन / क्या बीजेपी में 88 का आंकड़ा 75 से कम होता है?
Be First to Comment