अनारकली ऑफ आरा, शिप ऑफ़ थीसियस, बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम, द हॉली फिश, गुटर-गूं गुटर-गूं, शार्टकट सफारी, बेयरफूट टू गोवा संगीतकार रोहित शर्मा की वो फिल्म हैं, जहां उनका दिया हुआ संगीत सुना जा सकता है।
दिल्ली से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के दौरान उन्होंने पं. हर्षवर्धन जी से हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ग्रहण की। बचपन से ही रोहित संगीत से खुद को जुड़ा हुआ महसूस करते थे और इसी दौरान उन्होंने गायन प्रतिभा को निखारना शुरू कर दिया था और बाद में गीतों में संगीत देना शुरू किया।
अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए वो The Feature Times को बताते हैं कि दिल्ली से मुंबई आना उनके लिए एक नए अनुभव की तरह था। यहां उन्होंने अपनी शुरूआत जीरो से की। शुरूआत में संगीत में कई प्रयोग किए जिसे लोगों ने कभी पसंद तो कभी नापसंद किया।उन दिनों मैं खुद को मोटिवेट रखने के लिए जो मैं कर रहा हूं उसे पूरे परफेक्शन से करूं इस कोशिश में हमेशा व्यस्त रहता था, मेरा काम ही मुझे मोटिवेट करता था और मैं खुद को कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर तरह से मानसिक तौर पर फिट रख पाता था।
संघर्ष करते हुए चार से पांच साल कब गुजर गए पता ही नहीं चला और फिर साल 2007 मेरे लिए एक नया सवेरा लेकर आया ये वो साल था जब मुझे पहला ब्रेक मिला।

नए कंपोजर कैसे अपने सपने को उड़ान दे सकते हैं? जब इस बारे में रोहित से पूछा गया तो उन्होंने बताया, ‘कोई भी किसी उम्र का व्यक्ति यदि म्यूजिक कंपोजर बनने की इच्छा अपने मन में रखता है, तो वो ये कर सकता है। इसके लिए उसे ओपन माइंड होने की जरूरत है यानी वो हर तरह का संगीत सुने चाहे वो वेस्टर्न, क्लासिकल या लोक संगीत हो, संगीत सुनने से आता है, जिसकी प्रेरणा आप हर उस ध्वनि से ले सकते हैं, जो इस प्रकृति में मौजूद है।
सिने संगीत हो या म्यूजिक एल्बम, ऑडियंस हमेशा से ही नए तरह का संगीत सुनना चाहती है और यह काम कोई भी उभरता म्यूजिक कंपोजर आसानी से कर सकता है। इसके लिए जरूरी है बेहतर तालीम, जो आस-पास ध्वनियां सुन रहे हैं उन पर फोकस और दुनियाभर के संगीत को सुनने की जुनून। आने वाले दिनों में रोहित शर्मा के संगीत को ‘द ताशकंद फाइल्स’ में सुन पाएंगे।’
रोहित बताते हैं कि मेरी पहली फिल्म F.O.S.L.A. (Frustrated One Sided Lovers Association) को लेकर एक दिलचस्प किस्सा है, मैं मुंबई के शुरुआती दिनों में डायरेक्टर सूरज कुमार जायसवाल से मिला और फिल्मों को लेकर उनकी सोच से बहुत प्रभावित था और उनके साथ काम करना चाहता था। दो एक फिल्म प्रोजेक्ट्स के लिए हम लोग मिले मगर बात आगे नहीं बढ़ पाई। फिर एक दिन उनका कॉल आया F.O.S.L.A. के लिए। इस फिल्म में दस गाने थे। मैं जो इतने दिनों से एक मौके की तलाश में था वो मेरे सामने था। मैं एक के बाद गाने बनाने लगा और अंदाज़न 15-20 कम्पोज़िशन्स बनाने तक 10 गाने फाइनल हो गए।
इस फिल्म में राजकुमार राव, स्वरा भास्कर, दिव्येंदु शर्मा, पंकज बदरा, ऐश्वर्या सकुजा, यशपाल शर्मा और विपिन शर्मा, मुख्या भूमिकाओं में हैं। दुर्भाग्यवश यह फिल्म प्रोडूसर के अकस्मात स्वर्गवास की वजह से आधी बनकर रुकी हुई है। उम्मीद है मेरे वो 10 गीतों के साथ यह फिल्म जल्द दर्शकों के सामने आएगी।
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