ऐसा अमूमन होता है। ऐसे कई लोग होंगे, जिन्हें कभी न कभी इस बात का डर जरूर लगा होगा कि कोई हमारा फायदा उठा सकता है। जैसे कि कॉलेज में, ऑफिस में, निजी जीवन में या फिर कहीं भी जहां तक आप सोच सकें।
ऐसा क्यों होता है। कभी आपने इस बारे में गहनता से अध्ययन किया? शायद नहीं! क्योंकि हम इस बात पर ज्यादा केंद्रित हो जाते हैं कि कोई हमारा अहित कर सकता है। बल्कि, होना यह चाहिए कि हम जैसे भी हैं जहां भी हैं, इन बातों पर गौर न करते हुए, इस बात पर केंद्रित रहें कि ऐसा कुछ भी नहीं हैं। यह एक छद्म भ्रम है, लेकिन सतर्क जरूर रहें।
वक्त की कीमत को हमेशा पहचानें
सद्गुरु जग्गी वासुदेव कहते हैं जब आप ऐसा सोचते हैं कि आपका फायदा उठाया जा रहा है तो आस-पास नकारात्मक माहौल बनता है, जो ऐसी घटनाएं यदि नहीं भी होने वालीं हैं तो शुरू कर देता है। इसलिए जीवन को ‘हां’ कहिए, जैसा भी है एक ‘हां’ से आप कुछ नहीं खोएंगे। लेकिन, एक ‘ना’ से आप जरूर खोएंगे। वो सकारात्मक पल जो कई 100 गुना नकारात्मक तत्वों का अंत करने के लिए काफी है। यह जान लें कि ‘ना’ एक बंद दरवाजा है। किसी भी वजह से दरवाजे को बंद मत रखिए। ‘हां’ कहिए और आगे बढ़िए यह बेहद छोटा जीवन है, इसमें दरवाजे को बंद करना और फिर खोलने का वक्त नहीं है।
एक ‘हां’ से बदल सकती है जिंदगी
आपका एक ‘हां’ कितना प्रभावशाली है इसे एक छोटे से उदाहरण से अच्छी तरह समझा जा सकता है। गौर कीजिए आप जिस हवा में सांस लेते हैं, अगर वह आपको ‘ना’ कह दे तो आप मर जाएंगे। आपके शरीर में जो भोजन अंदर जा रहा है, अगर वह आपको ‘ना’ कह दे तो आप मर जाएंगे। जब यह सृष्टि आपको ‘हां’ कह रही है तो आप फिर आप ‘हां या ना’ की दुविधा में क्यों पड़े हैं? और जब आप ‘हां’ कहते हैं तो आपके उन तमाम डर, बाधाओं का अंत हो जाता है, जिनसे आप भयभीत हैं।
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