शिव हों या कृष्ण या फिर ईसा मसीह सबको अपने जीवन में कुछ ऐसे हालातों का सामना करना पड़ा जिससे एक आम आदमी बचना चाहता है। तो फिर क्या वे ईश्वर नहीं थे? या फिर उनमें हालात को बदलने की काबीलियत नहीं थी? यह ऐसे प्रश्न हैं जो सदियों से ज्वलंत बने हुए हैं।
शिव को कभी किसी मुसीबत से नहीं गुजरना पड़ा। ऐसे कुछ हालात जरूर पैदा हुए, जैसे कि जब उन्होंने अपनी प्रिय पत्नी सती को खो दिया तब वे कुछ समय तक गहरे दुख में रहे। मगर कुछ समय बाद, वह फिर से ठीक हो गए। हर किसी के साथ ऐसा ही होता है। अपने किसी बहुत प्रिय इंसान को खोने के बाद भी कुछ समय तक दुख में रहने के बाद आप जीवन में आगे बढ़ जाते हैं। उन्हें भी उसी स्थिति का सामना करना पड़ा, इसमें कोई बड़ी बात नहीं थी। कृष्ण को भी कई स्थितियों से गुजरना पड़ा। स्थितियां आती हैं, मगर कोई पीड़ा नहीं होती। चाहे जो भी हो जाए, उससे आप टूटते नहीं हैं, कमजोर नहीं पड़ते।
- समाधान / अरेंज या लव, कौन-सा विवाह है सबसे बेहतर
- स्व-प्रेरणा / जिंदगी को संतुलित रखने का ये है आसान तरीका
अब सवाल यह है कि ऐसी स्थितियां कृष्ण, शिव, ईसामसीह या हम में से हर किसी के साथ क्यों आती हैं? एक बार जब आप दुनिया में जीवन जीने का चयन कर लेते हैं, तो आप दुनिया के नियमों के वश में हो जाते हैं। मगर एक बार जब आप एक भौतिक शरीर अपनाने और दुनिया में एक भूमिका निभाने का फैसला कर लेते हैं, तो आप भी उन नियमों के अधीन हो जाते हैं, जो भौतिक अस्तित्व को नियंत्रित करते हैं।
इसीलिए कृष्ण ने धर्म की बात की, गौतम बुद्ध ने धम्म की और हम मूलभूत योगिक सिद्धांत की बात कर रहे हैं, क्योंकि ये सिद्धांत, धम्म या धर्म, जीवन के भौतिक आयाम को रास्ता दिखाते हैं, या भौतिक का मार्गदर्शन करते हैं। सद्गुरु कहते हैं कि ईश्वर वहां ऊपर बैठकर सारा प्रबंध नहीं कर रहा, सारा खेल कुछ नियमों और एक निश्चित प्रणाली के मुताबिक संचालित हो रहा है।
- सोशल मीडिया नीति / ख़ुराफ़ात पर कसा शिकंजा, यूजर्स की गरिमा का सम्मान
- नेपाल / राष्ट्रवादी छवि चमकाने के पैंतरे से, ‘मुसीबत में पीएम ओली’
एक बार जब आप भौतिक आयाम में प्रवेश करने का मन बना लेते हैं, तो उस भौतिकता के नियम आप पर भी लागू होते हैं, चाहे आप कोई भी हों। आप कृष्ण हों, शिव हों या आप स्वयं हों। अगर आप जहर पिएंगे, तो आपकी मृत्यु हो जाएगी। हो सकता है कि आपके अंदर बहुत जरूरत होने पर किसी न किसी तरह कुछ स्थितियों से परे जाने की क्षमता हो। हो सकता है कि आपकी मौत न हो, मगर फिर भी आपको कीमत तो चुकानी ही पड़ेगी। उससे आप बच नहीं सकते।
आप ऐसी स्थिति में होना चाहते हैं, जहां कोई भी चीज आपके ऊपर धौंस न जमा सके। किसी भी चीज के अधीन न होने के लिए, आपको ऐसी स्थिति में आना होगा जहां या तो ‘आप कुछ नहीं’ हों, या ‘सब कुछ’ बन जाएं – इसे आप दोनों तरह से देख सकते हैं। आपको सब कुछ, असीम हो जाना होगा ताकि कोई भी आपको अधीन न कर सके। लेकिन भले ही आप अपने अंदर असीम हों, एक बार जब आप इस शरीर में रहना तय कर लेते हैं, तो भौतिक नियम आपके ऊपर लागू होते हैं।
Support quality journalism – The Feature Times is now available on Telegram and WhatsApp. For handpicked Article every day, subscribe to us on Telegram and WhatsApp).
Be First to Comment